पेशाब में जलन और दर्द – Painful Urination
पेशाब में जलन व दर्द होना क्या होता है?
पेशाब करने में जलन या दर्द होने को “डिस्युरिया” कहा जाता है। यह आमतौर पर मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) में या आपके जननांगों के आसपास महसूस होती है। यूरेथ्रा वह ट्यूब है जो आपके मूत्राशय (ब्लैडर) से मूत्र को बाहर निकालती है। किसी भी उम्र के पुरुष और महिलाएं को यह समस्या हो सकती है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम है।
पेशाब में जलन होना अपने आप में एक बीमारी नहीं है, सिर्फ अन्य बीमारियों का एक लक्षण है। यूटीआई (मूत्रपथ का संक्रमण) इसका एक आम कारण होता है।
उपचार इसके होने के कारण पर निर्भर करता है। इसमें एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग और अंतर्निहित चिकित्सा समस्या का इलाज करना शामिल होता है।
पेशाब में दर्द और जलन के लक्षण – Painful Urination (Dysuria) Symptoms
पेशाब में दर्द व जलन के लक्षण व संकेत क्या होते हैं?
पेशाब में जलन होना अपने आप में एक लक्षण है। लेकिन आपको क्या समस्या हुई है, उसके अनुसार पेशाब में जलन के साथ अन्य लक्षण हो सकते हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।
संक्रमण से जुड़े निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं –
बुखार
जांघ के अंदरूनी हिस्से में दर्द
मूत्र में ज्यादा बदबू आना
पेशाब में खून आना या धुंधला पेशाब
रात, दिन या दोनों के दौरान पेशाब करने की आवश्यकता बढ़ना
पेट में दर्द
पेल्विक क्षेत्र के आस-पास छूने पर दर्द होना
अनियंत्रित कंपकंपी
मतली और उल्टी
दस्त
पीठ में और उसके आस पास मध्यम या तीव्र दर्द
कभी-कभी पेशाब में जलन योनि के संक्रमण से भी जुड़ी हो सकती है, जिनमें निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं-
योनि में खुजली
योनि में पीड़ा और जलन
सेक्स के दौरान दर्द या परेशानी महसूस होना
योनि से स्राव, आमतौर पर गंधहीन और पानी जैसा
यौन संचारित संक्रमण जैसे एड्स, क्लैमाइडिया या सिफलिस भी पेशाब में दर्द व जलन का कारण बन सकते हैं। ये निम्न लक्षणों का भी कारण बन सकते हैं जैसे:
खुजली
जलन
जननांग दाद के छाले या फफोले
असाधारण स्राव
पेशाब में दर्द और जलन के कारण – Painful Urination (Dysuria) Causes
पेशाब में दर्द व जलन क्यों होता है?
पेशाब में जलन होने के कई कारण होते हैं। लेकिन साथ ही यह भी सच है कि डॉक्टर हमेशा कारण की पहचान नहीं कर सकते हैं।
महिलाओं में पेशाब में जलन के कारण
महिलाओं के लिए पेशाब में जलन और दर्द निम्न का परिणाम हो सकता है –
ब्लैडर इन्फेक्शन (सिस्टाइटिस)
योनि संक्रमण
मूत्रपथ का संक्रमण (यूटीआई)
बच्चेदानी में सूजन (एंडोमेट्राइटिस) और मूत्र पथ के बाहर अन्य कारण, जिसमें डायवर्टीकुलोसिस और डायवर्टिकुलाइटिस शामिल हैं
मूत्राशय या मूत्रमार्ग में सूजन (यूरेथ्राइटिस)। सूजन आमतौर पर एक संक्रमण के कारण होती है
इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे संभोग, साबुन, सुगंधित टॉयलेट पेपर, गर्भनिरोधक स्पंज या शुक्राणुनाशक का इस्तेमाल।
पुरुषों में पेशाब में जलन के कारण
पुरुषों के लिए पेशाब में जलन और दर्द के निम्न कारण हो सकते हैं –
मूत्र पथ के संक्रमण और मूत्र पथ के बाहर अन्य संक्रमण, जिसमें डायवर्टीकुलोसिस और डायवर्टीकुलिटिस शामिल हैं
प्रोस्टेट की बीमारी
कैंसर
पेशाब में दर्द और जलन के बचाव के उपाय – Prevention of Painful Urination (Dysuria
पेशाब में जलन होने से कैसे रोक सकते हैं?
अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीएं।
सोते समय और यौन संभोग के बाद पेशाब करें।
अत्यधिक देर तक मूत्र को अंदर ना रखें।
यौन स्वच्छता और अच्छी स्वास्थ्य बनाएं रखें।
अगर आपको डिस्यूरिया की समस्या है तो जननांगों को उत्तेजित करने वाले किसी भी उत्पाद का सेवन करने से बचें।
कई साथियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।
सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें जैसे हमेशा कंडोम का उपयोग करना।
मूत्राशय को परेशान करने वाले पदार्थों से बचें, जैसे शराब और कॉफी।
नियमित रूप से पेशाब करें और अपने मूत्राशय को पूरी तरह से खाली रखें।
सूती और ढीली अंडरवियर पहनें, नॉन-बाइडिंग कपड़े पहनें जो गर्मी और नमी को नहीं खींचती।
पेशाब में दर्द और जलन का परीक्षण – Diagnosis of Painful Urination (Dysuria)
पेशाब में दर्द और जलन की जांच कैसे की जाती है?
काफी लोगों को पेशाब करने में अचानक से तकलीफ महसूस होने लगती है। आमतौर पर यह अस्थाई होता है और इसका इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, यदि पेशाब का दर्द लगातार गंभीर हो रहा है या फिर लंबे समय से आपको यह समस्या हो रही है, तो आपको अपने डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
इसका निदान आपके लक्षण, यौन आदतों, शारीरिक और मेडिकल संबंधी पिछली जानकारीयों के आधार पर होता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर जननांगों की जांच करते हैं और गुर्दे में दर्द या गुर्दे के रोग आदि जैसी समस्याओं का पता लगाते हैं। महिलाओं के लिए इस परीक्षण के दौरान पेल्विक परीक्षण (योनि की जांच) किया जा सकता है। जिन पुरूषों में प्रोस्टेट बढ़ने का संदेह होता है, उनका शारीरिक परीक्षण किया जाता है।
लैब टेस्ट
यूरिन टेस्ट – यदि मूत्राशय में संक्रमण का संदेह हो रहा है तो आमतौर पर एक यूरिन टेस्ट के द्वारा इसकी पुष्टी की जा सकती है।
बैक्टीरियल कल्चर – मूत्र पथ और योनि में बैक्टीरियल संक्रमण की जांच करने के लिए, संक्रमित जगह से कुछ द्रव या पदार्थ को सैम्पल के तौर पर लिया जाता है।
ब्लड टेस्ट – यदि आपको बुखार या उससे संबंधित अन्य लक्षण हैं, तो खून में बैक्टीरिया की जांच के लिए लेबोरेटरी में खून के सैम्पल की जांच की जा सकती है।
यौन संचारित बीमारियों के लिए टेस्ट – अगर कई पार्टनर्स के साथ आपके असुरक्षित यौन संबंध हैं और आपको पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होती है, तो विभिन्न प्रकार के यौन संचारित बीमारियों जैसे कि सिफलिस, क्लैमाडिया और एचआईवी आदि के जानकारी के लिए अलग-अलग टेस्ट करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
पेशाब में जलन और दर्द का इलाज – Painful Urination (Dysuria) Treatment
पेशाब में दर्द और जलन कैसे ठीक करें?
पेशाब के दौरान दर्द और जलन का उपचार उसके कारणों के आधार पर किया जाता है। उपचार में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि क्या आपको पेशाब में जलन और दर्द किसी संक्रमण, सूजन, आहार संबंधी कारकों या आपके मूत्राशय या प्रोस्टेट की समस्या के कारण हो रहा है।
मूत्र पथ के संक्रमण का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। यदि आपका दर्द गंभीर है, तो उसके लिए भी दवा उपलब्ध हैं, लेकिन इनके साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं – अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
एक अंतर्निहित मूत्राशय या प्रोस्टेट की समस्या के कारण होने वाली पेशाब में जलन का इलाज उस समस्या को ठीक करके किया जाता है।
त्वचा संबंधी समस्या के कारण होने वाली सूजन (इन्फ्लमेशन) का उपचार आमतौर पर होता है इसके कारण से बचना।
पेशाब में दर्द और जलन की परेशानी को कम करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं, जिसमें अधिक पानी पीना या ओवर-द-काउंटर दवाएं लेना शामिल है।
पेशाब में दर्द और जलन में स्वयं देखभाल – Painful Urination Self-Care
स्वतः देखभाल –
जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, हर रोज दो गिलास नारियल का पानी पीएं।
खुद को रिलेक्स रखने के लिए कुछ सामान्य तकनीकों का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। क्योंकि तनाव व चिंता आपकी स्थिति को गंभीर बना सकती है।
महिलाओं को अपने जननांग क्षेत्र साफ और सूखा रखना चाहिए, बार-बार अपने सेनिटरी नैपकिन्स को बदलते रहना चाहिए।
ज्यादा समय तक ज्यादा गीले कपड़े या स्विम सूट न पहनें।
सूती अंडरवियर पहनें और अधिक तंग जीन्स न पहनें।
सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें और संभोग से पहले और बाद में जननांगों को धो लें। बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए संभोग करने के बाद पेशाब करें।
कैफीन, मसालेदार भोजन, कृत्रिम मीठे और कार्बोनेटेड ड्रिंक जैसे खाद्य व पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि वे स्थिति को और खराब कर सकते हैं।
विटामिन C में उच्च खाद्य पदार्थ या विटामिन C के सप्लिमेंट्स लेने के लिए डॉक्टर से पूछें।
धूम्रपान और शराब के अत्याधिक सेवन से बचें।
पेशाब में प्रोटीन – Proteinuria
मानव शरीर में कई प्रकार के प्रोटीन मौजूद होते हैं, एल्बुमिन इनमें से एक मुख्य प्रकार का प्रोटीन होता है। शरीर में मौजूद प्रोटीन के कई मुख्य काम होते हैं, जैसे हड्डियां व मांसपेशियों का निर्माण करना, संक्रमण की रोकथाम करना, खून में द्रव की मात्रा को नियंत्रित करना आदि।
स्वस्थ रूप से काम कर रहे गुर्दे अतिरिक्त द्रव व अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करके उन्हें शरीर से बाहर निकाल देते हैं और साथ ही प्रोटीन व अन्य महत्वपूर्ण पदार्थों को साफ करके वापस रक्त में मिला देते हैं। जब गुर्दे स्वस्थ तरीके से काम न कर पाएं, तो ठीक से फिल्टर न होने के कारण प्रोटीन (एल्बुमिन) पेशाब में जाने लगता है। पेशाब में असामान्य रूप से प्रोटीन की मात्रा होना, गुर्दे के रोगों का एक शुरुआती संकेत हो सकता है।
पेशाब में प्रोटीन क्या है – What is Proteinuria
पेशाब में प्रोटीन होना क्या है?
पेशाब में प्रोटीन की अधिक मात्रा होने की स्थिति को प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) कहा जाता है। इस स्थिति के कारण खून में प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिसका पूरे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। किडनी द्वारा ठीक से फिल्टर न कर पाने के कारण अधिक प्रोटीन पेशाब में जाने लगता है, जिस स्थिति को पेशाब में प्रोटीन या प्रोटीन्यूरिया रोग कहा जाता है।
पेशाब में प्रोटीन के लक्षण – Proteinuria Symptoms
प्रोटीन्यूरिया के लक्षण क्या हैं?
इस स्थिति के शुरुआती चरणों में इससे ग्रस्त व्यक्ति को अक्सर किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते हैं, क्योंकि इस समय गुर्दे इतने प्रभावित नहीं होते हैं। समय के साथ-साथ स्थिति गंभीर हो जाती है और कई प्रकार के लक्षण विकसित होने लगते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
बार बार पेशाब आना
सांस फूलना
थकान महसूस होना
मतली और उल्टी होना
पेट में सूजन
टखने या पैर में सूजन
भूख कम लगना
रात के समय मांसपेशियों में ऐंठन होना
चेहरे में सूजन होना (खासतौर पर सुबह के समय)
झागदार पेशाब आना
ये सभी लक्षण लंबे समय से चल रही गुर्दे की बीमारी के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण हो रहे हैं, खासतौर पर झागदार पेशाब व सूजन तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर अपनी समस्या के बारे में बताएं। इसके अलावा यदि आपने किसी अन्य बीमारी के चलते यूरिन टेस्ट करवाया है और टेस्ट में प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है, तो भी जल्द से जल्द डॉक्टर के पास चले जाएं और आगे की जांच करवाएं।
पेशाब में प्रोटीन थोड़े समय के लिए भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर टेस्ट को सुबह के समय और फिर कुछ दिन बाद फिर से करवाने के लिए कह सकते हैं।
पेशाब में प्रोटीन के कारण और जोखिम कारक – Proteinuria Causes & Risk Factors
पेशाब में प्रोटीन क्यों आता है?
पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने का मुख्य कारण किडनी संबंधी समस्याएं ही होती हैं। ऐसे कई तरह के रोग व स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां हैं जिनके कारण गुर्दे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं और पेशाब में प्रोटीन जाने लगता है। हालांकि कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनके कारण पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं होता कि गुर्दे भी खराब हों। इनमें निम्न शामिल हैं:
शरीर में पानी की कमी होना
भावनात्मक तनाव
अत्यधिक ठंड के संपर्क में आना
बुखार होना
अधिक मेहनत वाले व्यायाम करना
कुछ रोग व अन्य समस्याएं जिनमें स्थायी रूप से पेशाब में प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जो गुर्दे संबंधी रोगों से जुड़ा हो सकता है। इनमें निम्न शामिल है:
एम्लोइडोसिस (अंगों में असामान्य रूप से प्रोटीन जमा होना)
कुछ प्रकार की दवाएं, जैसे नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स
दीर्घकालिक किडनी रोग
डायबिटीज
एंडोकार्डिटिस (हृदय की अंदरुनी परत में संक्रमण होना)
फॉकल सेगमेंटल ग्लोमेरुलोस्क्लेरोसिस (एफएसजीएस)
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (गुर्दे की उन कोशिकाओं में सूजन व लालिमा होना, जो खून से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करती है)
हृदय रोग
हृदय की गति रुक जाना (हार्ट फेलियर)
उच्च रक्तचाप
होजकिन्स लिंफोमा
आईजीए नेफ्रोपैथी (इम्यूनोग्लोबुलिन ए नाम के एंटीबॉडी विकसित होने के कारण होने वाली गुर्दे की सूजन व लालिमा)
गुर्दे में संक्रमण (पाइलोनेफ्राइटिस)
लुपस
मलेरिया
मल्टीपल मायलोमा
नेफ्रोटिक सिंड्रोम (गुर्दे में मौजूद छोटी रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होना, जो फिल्टर करने का काम करती हैं)
गर्भावस्था
रूमेटाइड आर्थराइटिस (जोड़ों में सूजन व लालिमा)
सार्कोइडोसिस (शरीर में सूजन व लालिमा से ग्रस्त कोशिकाएं जमा होना)
सिकल सेल एनीमिया
प्रोटीन्यूरिया होने का खतरा कब बढ़ता है?
कुछ अन्य कारक भी हैं, जो पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने का खतरा बढ़ा देते हैं। इनमें मुख्य रूप में निम्न शामिल हैं:
मोटापा
65 साल से ऊपर की उम्र होना
परिवार में पहले किसी को किडनी से संबंधित रोग होना
प्री-एक्लेमप्सिया (गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और पेशाब में प्रोटीन का स्तर बढ़ना)
कुछ लोगों में लेटने के मुकाबले खड़ा होने के दौरान अधिक मात्रा में पेशाब में प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को ऑर्थोस्टैटिक प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है।
प्रोटीन्यूरिया से बचाव – Prevention of Proteinuria
प्रोटीन्यूरिया की रोकथाम कैसे करें?
पेशाब में प्रोटीन की अधिक मात्रा से बचाव या इसकी रोकथाम करने का कोई संभव तरीका नहीं है, लेकिन कुछ हद तक इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रोटीन्यूरिया का कारण बनने वाली कई स्थितियों का इलाज किया जा सकता है जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, प्री एक्लेम्पसिया और गुर्दे के रोग आदि। पेशाब में प्रोटीन के अंदरुनी कारण का इलाज करके स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
पेशाब में प्रोटीन का परीक्षण – Diagnosis of Protein In Urine
पेशाब में प्रोटीन की जांच कैसे की जाती है?
प्रोटीन्यूरिया का परीक्षण आमतौर पर यूरिन टेस्ट की मदद से किया जाता है। परीक्षण के दौरान मरीज को पेशाब का सेंपल देना होता है। इस सेंपल में डॉक्टर एक विशेष स्टिक डुबोते हैं, जिस पर एक विशेष केमिकल लगा होता है। यदि सेंपल में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है, तो स्टिक पर लगे सेंपल का रंग बदल जाता है।
बाकी के सेंपल की माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। इस दौरान डॉक्टर यूरिन में मौजूद असामान्य चीजों की जांच करते हैं, जो यूरिन में नहीं होनी चाहिए जैसे लाल व सफेद रक्त कोशिकाएं, बैक्टीरिया और किडनी स्टोन बनाने वाले क्रिस्टल आदि।
पेशाब में प्रोटीन के जोखिम और जटिलताएं – Proteinuria Risks & Complications
प्रोटीन्यूरिया से क्या जटिलताएं होती हैं?
पेशाब में प्रोटीन का स्तर बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
अत्यधिक द्रव जमा होने के कारण फेफड़ों में पानी (पल्मोनरी एडीमा) होना
इंट्रावैस्कुलर डिप्लीशन और लंबे समय से गुर्दे संबंधी समस्या होने के कारण गुर्दे में कोई क्षति हो जाना
बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ना जिसमें स्पोटेनियस बैक्टीरियल पेरिटोनिटिस शामिल हैं
हृदय संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ना
पेशाब में बदबू आना – Smelly Urine
हम सबके साथ कभी-न-कभी ऐसा जरूर होता है कि जब हम वॉशरूम में यूरिन डिस्चार्ज करने जाते हैं और तभी महसूस होता है कि पता नहीं ये क्या इतनी गंदी और अजीब सी बदबू आ रही है? ऐसे में बहुत से लोगों को लग सकता है कि यह ऑफिस या पब्लिक वॉशरूम से आ रही गंदी स्मेल है, लेकिन ऐक्चुअली वो बदबू आपके ही यूरिन से आ रही होती है। वैसे तो पेशाब की अपनी एक गंध होती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पेशाब से आने वाली गंध सामान्य से ज्यादा बदबूदार होती है। वैसे तो पेशाब की बदबू सामान्य कारणों से भी हो सकती है और इसमें ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है, लेकिन कई बार किसी अंतर्निहित बीमारी की वजह से भी पेशाब में से बदबू आने लगती है, जिसका इलाज करवाना जरूरी हो जाता है।
पेशाब में मुख्य रूप से पानी होता है। लेकिन किडनी के द्वारा जिन अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाला जाता है उसकी मात्रा और सघनता कितनी अधिक है, इस पर ही निर्भर करता है कि पेशाब से आने वाली गंध कैसी होगी। जिस यूरिन में पानी अधिक और अपशिष्ट पदार्थ कम होते हैं उसमें बेहद कम या कोई गंध नहीं होती है। लेकिन अगर यूरिन बहुत अधिक गाढ़ा हो जाए और उसमें पानी की मात्रा कम और अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बहुत अधिक हो जाए तो पेशाब में से अमोनिया जैसी तेज बदबू आने लगती है। हालांकि पेशाब से आने वाली बदबू कई बार यूरिन इंफेक्शन का भी संकेत हो सकती है। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में उन कारणों के बारे में बता रहे हैं जिनकी वजह से किसी व्यक्ति के पेशाब से गंदी बदबू आने लगती है।
पेशाब में बदबू आने का लक्षण – Smelly Urine Symptoms
पेशाब में बदबू आना वैसे तो खुद में ही एक लक्षण है, लेकिन इसके अलावा भी आपको खुद में कई और लक्षण और संकेत नजर आ सकते हैं जिससे पता चलता है कि आपको यूरिन संबंधी कोई समस्या है, जैसे-
पेशाब में खून आना
यूरिन में झाग आना
पेशाब न रोक पाना
सामान्य से ज्यादा बार पेशाब आना
पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना
बहुत ज्यादा प्यास लगना
कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
पेशाब में बदबू आने का कारण – Smelly Urine Causes
ऐसी कई स्थितियां और समस्याएं हैं जिनकी वजह से पेशाब से आने वाली गंध ज्यादा तेज और बदबूदार हो सकती है। इनमें सबसे कॉमन कारण निम्नलिखित हैं:
1. पेशाब में बदबू का कारण है डिहाईड्रेशन : जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि जब आप पानी कम पीते हैं तो आपका यूरिन गहरे पीले या नारंगी रंग का हो जाता है और उसमें से अमोनिया जैसी बदबू भी आने लगती है। जिन लोगों में सामान्य डिहाईड्रेशन होता है वे अगर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं तो उनके पेशाब से आने वाली गंध फिर से सामान्य हो जाती है। लेकिन अगर पेशाब में बदबू के साथ ही कमजोरी, अत्यधिक थकान, मानसिक भ्रम जैसे लक्षण भी दिखें तो यह गंभीर डिहाईड्रेशन के लक्षण हो सकते हैं जिसके लिए तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
2. पेशाब में बदबू का कारण है यूटीआई: यूरिन इंफेक्शन जिसे यूटीआई कहते हैं यह भी पेशाब में तेज बदबू का अहम कारण है। पेशाब करने की तीव्र इच्छा, बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होना, ब्लैडर को खाली करने में मुश्किल आना, पेशाब का रंग गहरा होना और पेशाब करने के दौरान तेज जलन महसूस होना- ये सब यूटीआई के सबसे कॉमन लक्षणों में से एक हैं। पेशाब में बैक्टीरिया की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है और इन बैक्टीरिया को मारने के लिए डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक्स देते हैं। अगर यूटीआई की समस्या दूर हो जाए तो पेशाब में बदबू की समस्या भी दूर हो जाती है।
3. पेशाब में बदबू का कारण है डायबिटीज: डॉक्टरों की मानें तो जिन लोगों में डायबिटीज डायग्नोज नहीं होता है उनके यूरिन में शुगर बाहर आ रहा होता है। इसका कारण ये है कि उनका शरीर उस तरह से शुगर को प्रोसेस नहीं कर पाता है जिस तरह से ज्यादातर लोगों के शरीर करता है। इसका मतलब ये हुआ कि उनके खून में अतिरिक्त ग्लूकोज होता है जिसे उनका शरीर पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करता है। जब पेशाब में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो उसकी गंध बेहद तेज और अजीब सी हो जाती है। जिन लोगों के शरीर में डायबिटीज अनियंत्रित हो जाता है उनकी पेशाब करने की तीव्रता भी बढ़ जाती है क्योंकि शुगर उनके ब्लैडर को उत्तेजित करने लगता है।
4. ब्लैडर में फिस्टुला भी है पेशाब में बदबू का कारण : ब्लैडर फिस्टुला या भगंदर तब होता है जब किसी तरह की चोट या खराबी की वजह से बैक्टीरिया आंत से ब्लैडर तक पहुंच जाता है। बाउल यानी आंत से जुड़ी बीमारियां जैसे- इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी), अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोन्स डिजीज आदि की वजह से भी या फिर किसी तरह की सर्जरी के दौरान लगी चोट की वजह से ब्लैडर फिस्टुला की समस्या हो सकती है। ब्लैडर में बैक्टीरिया आने की वजह से भी पेशाब से बहुत ज्यादा बदबू आने लगती है।
5. बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी है पेशाब में बदबू का कारण: वजाइना यानी योनि में होने वाला इंफेक्शन जिसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी कहते हैं कि वजह से एक बेहद अजीब सी गंदी बदबू या मछली जैसी गंध आने लगती है जो सेक्स करने के बाद और ज्यादा बदतर हो जाती है। इस समस्या में यूरिन पास करने के दौरान भी पेशाब से गंदी बदबू आती है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कई और लक्षण हैं जिसमें- तेज दर्द, खुजली, पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना, सफेद या ग्रे कलर का डिस्चार्ज होना जैसे लक्षण शामिल हैं।
6. पेशाब में बदबू का कारण है यौन रोग (एसटीआई): डॉक्टरों की मानें तो एसटीआई यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज की वजह से यूरेथ्राइटिस या यूरेथ्रा में इन्फ्लेमेशन की समस्या भी हो सकती है। कोई भी चीज जिसकी वजह से इरिटेशन या इन्फ्लेमेशन होता है उसमें संभावित रूप से बैक्टीरिया, पस या रक्तस्त्राव शामिल होता है और ये सारी चीजें पेशाब में बदबू का कारण बन सकती हैं। क्लैमाइडिया, ट्राइकोमोनिआसिस और गोनोरिया आदि सेक्शुअली ट्रांसमिटेड यौन रोग हैं जिनकी वजह से योनि में उत्तेजना, खुजली और जलन होने लगती है और इसकी वजह से भी पेशाब में से एक अजीब सी बदबू आने लगती है।
7. पेशाब में बदबू का कारण है मेपल सिरप यूरिन डिजीज: मेपल सिरप यूरिन डिजीज एक दुलर्भ लेकिन लाइलाज जेनिटक बीमारी है जिसकी वजह से पेशाब में से मेपल सिरप जैसी गंध आने लगती है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उनका शरीर अमीनो एसिड ल्यूसिन, आइसोल्यूसिन और वैलीन को तोड़ने में सक्षम नहीं होता। अगर इस बीमारी का सही तरीके से इलाज न हो पाए तो इसकी वजह से मरीज का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो सकता है और मरीज की मौत भी हो सकती है।
8. खाने-पीने की चीजों की वजह से भी पेशाब से बदबू आती है: एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे खाने के बाद लोगों के पेशाब में से तेज बदबू आने लगती है वह है- ऐस्पारगस या शतावरी। दरअसल, शतावरी में प्राकृतिक रूप से सल्फर कम्पाउंड अधिक होता है जिसे ऐस्पारगुसिक एसिड कहते हैं। वैसे तो यह शरीर की किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन इसे पूरी तरह से तोड़ने के लिए जिस एंजाइम की जरूरत होती है वह बहुत से लोगों के शरीर में नहीं होता है जिस कारण शतावरी को खाने के बाद सल्फर मेटाबोलाइट बनता है जिसकी वजह से पेशाब में सल्फर या अमोनिया जैसी तेज बदबू आने लगती है।
शतावरी के अलावा ब्रूसेल्स स्प्राउट्स यानी चोकीगोभी, प्याज, लहसुन, सैल्मन और अल्कोहल जैसी चीजों का सेवन करने पर भी यूरिन में से अजीब सी तेज बदबू आने लगती है। साथ ही अगर बहुत ज्यादा कॉफी का सेवन किया जाए तो इसकी वजह से भी यूरिन से बदबू आने लगती है।
9. प्रेगनेंसी में भी पेशाब से आने लगती है बदबू : गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन एचसीजी के लेवल में बढ़ोतरी हो जाती है। इस बढ़ोतरी की वजह से भी पेशाब में से एक अजीब और बेहद तेज गंध या बदबू आने लगती है। खासकर प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में तो ऐसा होना बेहद सामान्य सी बात है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की सूंघने की क्षमता भी बढ़ जाती है, इस वजह से भी उन्हें अपने पेशाब में से तेज बदबू महसूस होने लगती है। लिहाजा गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान खूब सारा पानी पीना चाहिए ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो जाए। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए यानी डिहाईड्रेशन की वजह से यूरिन में अपशिष्ट पदार्थों और यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेशाब में से बदबू आने लगती है।
पेशाब में बदबू आने का निदान – Diagnosis of Smelly Urine
आपके पेशाब में से बदबू आने की समस्या किसी तरह की बीमारी की वजह से है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए सामान्य तौर पर डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करते हैं:
पेशाब की जांच : यूरिन के सैंपल की जांच की जाती है यह देखने के लिए उसमें किसी तरह का कोई बैक्टीरिया, वायरस या कोई और समस्या तो नहीं है
सिस्टोस्कोपी : सिस्टोस्कोपी में एक पतली सी ट्यूब होती है जिसके आखिरी सिरे पर कैमरा लगा होता है उसे ब्लैडर के अंदर डाला जाता है यह देखने के लिए व्यक्ति को पेशाब से जुड़ी कोई बीमारी है या नहीं।
स्कैन और इमेजिंग : पेशाब में बदबू को डायग्नोज करने के लिए वैसे तो सामान्य रूप से इमेजिंग का इस्तेमाल नहीं होता। लेकिन अगर बदबू की समस्या जारी रहती है और पेशाब की जांच के बाद भी संक्रमण का कोई संकेत दिखायी नहीं देता तो डॉक्टर आपको एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं।
पेशाब में बदबू आने का घरेलू उपचार – Smelly Urine Treatment
अगर आपके यूरिन से भी गंदी बदबू आती है तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं:
1.
पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें
बहुत से लोगों को लगता है कि अगर वो ज्यादा पानी पिएंगे तो उन्हें बार-बार पेशाब करने के लिए जाना पड़ेगा या फिर यूरिन लीक होने का भी खतरा हो सकता है। लेकिन अगर पानी या तरल पदार्थों का कम सेवन करें तो इससे भी डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है जिससे पेशाब में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा सघन हो जाती है और इस कारण पेशाब में से गंदी बदबू आने लगती है। अगर पेशाब में पानी मात्रा अधिक होगी तो उससे बदबू भी कम आएगी। लिहाजा रोजाना 6 से 8 गिलास पानी या तरल पदार्थों का सेवन जरूर करें। साथ ही पानी और तरल पदार्थ किडनी से जुड़ी समस्याएं और यूटीआई को भी दूर रखने में मदद करते हैं।
2.
शतावरी, कॉफी आदि चीजें जिन्हें खाने या पीने के बाद पेशाब में तेज बदबू आती हो उनका ज्यादा सेवन करने से बचें।
3.
क्रैनबेरी जूस पिएं। क्रैनबेरी का जूस पेशाब में ऐसिडिटी को बढ़ाने में मदद करता है जिससे बदबू को कम करने में मदद मिल सकती है।
4.
विटामिन सी टैबलेट्स भी पेशाब में से दुर्गंध को दूर करने में मदद कर सकता है, लेकिन अगर आप पहले से कोई दवा या इलाज ले रहे हैं तो यह उन पर नकारात्मक असर भी डाल सकता है। लिहाजा इन विटामिन सी टैबलेट्स का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
5.
साफ-सफाई का रखें ध्यान – अगर आप अपने यौन अंगों की रोजाना सफाई करें और साफ-सुथरे अंडरगार्मेंट्स पहनें तो पेशाब में आने वाली बदबू को कंट्रोल करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। इसके साथ ही हर बार यूरिन पास करने के बाद भी क्लीनिंग करना न भूलें।