टीबी (ट्यूबरकुलोसिस, यक्ष्मा, तपेदिक या क्षयरोग) –
[Tuberculosis (TB)]
टीबी (ट्यूबरकुलोसिस, यक्ष्मा, तपेदिक या क्षयरोग) एक संक्रामक रोग होता है, जो आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। किसी एक ही संक्रामक एजेंट के कारण होने वाले अन्य रोगों के मुकाबले टीबी दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा जानलेवा रोग है। टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के द्वारा फैलता है। आप हवा में सांस लेकर टीबी के बैक्टीरिया को प्राप्त कर सकते हैं और टीबी से ग्रस्त हो सकते हैं। टीबी के बैक्टीरिया हवा में उन व्यक्तियों द्वारा फैलाए जाते हैं, जिनके शरीर में पहले से ही टीबी के बैक्टीरिया हैं। यह एक धीमी गति से बढ़ते बैक्टीरिया के कारण होता है जो शरीर के उन भागो में बढ़ता है जिनमे खून और ऑक्सीजन होता है इसलिए टीबी ज़्यादातर फेफड़ों में होता है। इसे पल्मोनरी टीबी (Pulmonary TB) कहते हैं। टीबी शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। इसके लक्षणों में लगातार तीन हफ्ते से ज्यादा निरंतर कफ वाली खांसी होना, थकान और वजन घटना शामिल है। टीबी आमतौर पर उपचार के साथ ठीक हो जाते हैं, इसके उपचार में एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स शामिल हैं। इसका उपचार अक्सर सफल ही होता है, लेकिन इसके उपचार में 6-9 महीने लग सकते हैं और कुछ स्थितियों में 2 साल तक का समय भी लग सकता है।
टीबी के प्रकार [Types of Tuberculosis (TB)]
टीबी कितनी तरह का होता है?
मुख्यतः दो प्रकार होते हैं
लेटेंट (Latent) टीबी – इसका अर्थ है कि बैक्टीरिया आपके शरीर में है लेकिन आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उसे सक्रिय नहीं होने दे रही है। आपको टीबी के लक्षणों का अनुभव नहीं होगा और आपके कारण यह बीमारी नहीं फैलेगी। लेकन यदि आपको लेटेंट (Latent) टीबी है तो वह सक्रिय (Active) टीबी बन सकता है।
सक्रिय (Active) टीबी – इसका अर्थ है कि बैक्टीरिया आपके शरीर में विकसित हो रहा है और आपको इसके लक्षण महसूस होंगे। यदि आपके फेफड़े सक्रिय टीबी से संक्रमित हों तो आपके कारण यह बीमारी दूसरों को फैल सकती है।
टीबी को अन्य दो श्रेणियों में भी विभाजित किया जा सकता है, प्लमोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी
प्लमोनरी टीबी – यह टीबी का प्राथमिक रूप होता है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह अक्सर बहुत ही कम उम्र वाले बच्चों में या फिर अधिक उम्र वाले वृद्ध लोगों में होता है।
एक्ट्रापल्मोनरी टीबी – टीबी का यह प्रकार फेफड़ों से अन्य जगहों पर होते हैं, जैसे हड्डियां, किडनी और लिम्फ नोड आदि। टीबी का यह प्रकार प्राथमिक रूप से इम्यूनोकॉम्प्रॉमाइज्ड (प्रतिरक्षा में अक्षम) के रोगियों में होता है।
टीबी के लक्षण – [Tuberculosis (TB) Symptoms]
टीबी के लक्षण क्या होते हैं?
से शरीर का जो हिस्सा प्रभावित होता है, उसी के आधार पर टीबी के लक्षण विकसित होते हैं। टीबी आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते है, और आपको यह पता लगने में कई हफ्ते लग जाते हैं कि आप अस्वस्थ हैं। हो सकता है कि संक्रमित होने के बाद आपके लक्षण महीनों और यहां तक कि साल बाद शुरू होने लगें।
एक संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक संक्रामक रह सकता है ( जब तक उसके थूक में टीबी जीवक्षम मौजूद रहते हैं) और तब तक संक्रामक रह सकता है, जब तक उसका कई हफ्ते उपचार ना किया जाए। हालांकि कुछ लोग संक्रमित तो हो जाते हैं, लेकिन संक्रमण को दबा लेते हैं, जिससे कई सालों बाद उनमें लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसे लोगों में कई बार कोई लक्षण पैदा नहीं होता और ना ही वे संक्रामक बनते । जिन लोगों को लेटेंट (Latent) टीबी होता है उन्हें टीबी के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेटेंट (Latent) टीबी सक्रिय (Active) टीबी में विकसित होने से पहले कई सालों तक निष्क्रिय रहता है।
सक्रिय (Active) टीबी से पीड़ित मरीज़ को श्वसन प्रणाली सम्बंधित कई लक्षण महसूस हो सकते है जैसे खांसी के साथ खून या बलगम आना। उन्हें 3 हफ़्तों से अधिक समय तक खांसी हो सकती है और खांसने और सांस लेते समय दर्द महसूस हो सकता है।
इसके आलावा आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं:
खांसी के साथ बलगम में खून आना
अस्पष्टीकृत थकान
बुखार
रात में पसीना
छाती में दर्द (सांस लेने के दौरान छाती में दर्द होना)
सांस फूलना
भूख ना लगना
वजन कम होना मांसपेशियों में क्षति
टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन यह अन्य अंगों जैसे गुर्दे, रीढ़, और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। आपके लक्षण संक्रमित अंग पर निर्भर करेंगे।
फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में होने वाला टीबी-
कुछ कम ही मामलों में टीबी फेफड़ों के बाहर के क्षेत्रों में विकसित हो सकता है। जैसे छोटी ग्रंथियां जो प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होती है (लिम्फ नोड्स), हड्डियों व जोड़ों, पाचन तंत्र, मूत्राशय व प्रजनन प्रणाली और मस्तिष्क व नसें आदि (तंत्रिका तंत्र)।
लक्षणों में शामिल हो सकते हैं.
पीठ में अकड़न लकवा
ग्रंथियों में स्थिर सूजन पेट में दर्द
डायरिया (दस्त) प्रभावित हड्डी में दर्द व उसके कार्य में कमी होना
भ्रम एक स्थिर सिरदर्द
मानसिक परिवर्तन कोमा
दौरे पड़ना (फिट्स)
टीबी का यह प्रकार आमतौर पर उन लोगों को ज्यादा जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
अगर आपके परिवार में या कोई करीबी सहयोगी सक्रिय टीबी से ग्रस्त मिला है, तो आपको भी टीबी के लिए टेस्ट करवाना चाहिए।
संपर्क के लिए खतरनाक समय उपचार से पहले ही होता है। एक बार जब दवाओं के साथ उपचार शुरू हो जाता है तो मरीज कुछ ही हफ्तों में गैर-संक्रामक हो जाता है।
अगर ट्यूबरकुलोसिस के इलाज के लिए लिखी गई दवाओं से आपको कुछ साइड इफेक्ट महसूस होते हैं, जैसे खुजली, त्वचा के रंग में बदलाव, दृष्टि में परिवर्तन, थकान या अत्याधिक थकान महसूस होना आदि । ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
जिन लोगों में टीबी होने की संभानाएं ज्यादा हैं उनको लेटेंट (गुप्त) टीबी संक्रमण के लिए जांच करवा लेनी चाहिए। निम्न लोगों में टीबी होने की संभावनाएं अधिक होती हैं:-
एचआईवी एड्स से ग्रस्त लोग
इंट्रावेनस द्वारा ड्रग लेने वाले लोग
वे लोग जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं
स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता जो टीबी के उच्च जोखिम वाले लोगों का इलाज करते हैं
बी के कारण और जोखिम कारक – [Tuberculosis (TB) Causes & Risk Factors]
टीबी किस कारण से होता है?
क्षय रोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ दवाओं के प्रतिरोधी भी होते हैं।
टीबी के बैक्टीरिया हवा के माध्यम से फैलते है। जब ये बैक्टीरिया हवा में उपस्थित हो जाते हैं तब कोई भी व्यक्ति सांस लेने के दौरान बैक्टीरिया को खींच सकता है।
यदि आपको टीबी है तो आप निम्नलिखित माध्यमों से टीबी फैला सकते हैं:-
छींकना
खांस
बोलना
गाना
टीबी विकसित करने वाले अन्य जोखिम कारक जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
जीवन शैली और अन्य समस्याएं जैसे शराब का दुरुपयोग या बेघरता आदि के कारण कमजोर
स्वास्थ्य या खराब आहार ।
छोटे बच्चे या बुजुर्ग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है (विशेषकर पॉजिटिव टीबी स्किन टेस्ट वाले लोग) ।
किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक नजदीकी संपर्क में रहना
भीड़ वाली परिस्थितियों में रहना
एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति
मादक पदार्थों का दुरुपयोग करने वाले लोग, खासर इंट्रावेनस ड्रग का इस्तेमाल करने वाले लोग
सिर और गर्दन के कैंसर के रोगी
वे मरीज जिनका अंग प्रत्यारोपण किया गया है
stafat के मरीज
किडनी रोग के मरीज
वे लोग जो इम्यूनोसुप्रेसिव थेरेपी से गुजर रहे हैं।
सिलिकोसिस
जो दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा देती हैं, वे आपको सक्रिय टीबी विकसित होने के जोखिम में डाल सकती हैं। विशेष रूप से इनमें अंग प्रत्यारोपण अस्वीकृति की रोकथाम करने वाली दवाएं शामिल हैं। अन्य दवा
जो आपमें टीबी होने के जोखिम को बढ़ाती हैं उनको निम्न का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है:
कैंसर
रूमेटाइड अर्थराइटिस
क्रोहन रोग
सोरायसिस
टीबी से बचाव – [Prevention of Tuberculosis (TB)]
फैलने से रोकथाम कैसे की जा सकती है?
जो लोग टीबी के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं या थे, उन्हें बचपन में टीबी के लिए टीका दिया जाता है जिसे बैसिलस केलमेटे – ग्यूरिन (Bacillus Calmette-Guerin, BCG) या बीसीजी कहते हैं। यह टीका आपको टीबी के कुछ ही उपभेदों (प्रकार) से बचा सकता है। यह टीका वयस्कों में ज़्यादा प्रभावी नहीं होता है। सक्रिय (Active) टीबी से बचने के लिए:
जिस व्यक्ति को टीबी हो उसके साथ बंद कमरे में अधिक समय ना बिताए जब तक उस व्यक्ति का उपचार कम से कम 2 हफ्तों तक ना हुआ हो।
यदि आप किसी ऐसी जगह काम करते हों जहाँ टीबी के अनुपचारित मरीज़ हों तो चेहरे के मास्क का उपयोग करें।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहते हों जिसे टीबी हो तो उसे टीबी के उपचार के निर्देश पालन करने के लिए कहें।
मास्क पहनना, मुंह ढक कर रखना और कमरे में वेंटीलेशन का इस्तेमाल करने से भी बैक्टीरिया के फैलने से रोकथाम की जा सकती है।
जिन लोगो को टीबी हो उन्हें भीड़-भाड़ से दूर रहना चाहिए जब तब वह संक्रामक हों।
टीबी से ग्रस्त लोगों को रेस्पिरेटर (Respirator; एक प्रकार का मास्क) का उपयोग करना चाहिए। लोगो को टीबी हो उन्हें उपचार के 3-4 हफ़्तों तक किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों में टीबी का पता लगा लिया गया है, उनको निम्न सुझावों का पालन करना चाहिए:
आपके लिए लिखी गई दवाओं को उसी तरीके के अनुसार लीजिए जैसा आपके डॉक्टर ने आपको बताया है और तब तक लेते रहें जब तक डॉक्टर आपको उन्हें बंद करने के लिए ना कहें।
हमेशा खांसने या छींकने के दौरान अपने मुंह को टिश्यू से कवर करें, उसके बाद टिश्यू को किसी प्लास्टिक के बैग में सील करें और फेंक दें।
खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को छुएं |
किसी भी व्यक्ति को मिलनें ना जाएं और ना ही किसी को मिलने के लिए बुलाएं
ऑफिस, स्कूल या सार्वजनिक स्थानो की बजाए अपने घर पर ही रहने की कोशिश करें
ताजा हवा को बनाए रखने के लिए पंखे का इस्तेमाल करें और खिड़कियां खुली रखें।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग ना करें।
टीबी का परीक्षण – [Diagnosis of Tuberculosis (TB)]
टीबी का पता कैसे लगाया जाता है?
टीबी का परीक्षण कभी-कभी सीधा होता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका परीक्षण करना काफी मुश्किल हो जाता है। सामान्यतौर पर इसका परीक्षण क्लीनिकल चित्र ( आपके लक्षण व डॉक्टर के परीक्षण) को देखने हुऐ किया जाता है। फिर इसको अन्य टेस्टों के परीणामों के साथ जोड़ दिया जाता है। शुरूआत में आमतौर पर छाती एक्स-रे और/या ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट किया जाता है और उसके बाद कफ ( थूक) की जांच की जाती है।
त्वचा पर किए जाने वाले टेस्ट –
यह जानने के लिए की आपको टीबी है या नहीं, आपका डॉक्टर आपकी त्वचा का प्यूरीफाइड प्रोटीन डेरीवेटिव (पीपीडी;Purified Protein Derivative टेस्ट करेंगे। जहाँ पीपीडी (PPD) टेस्ट का इन्जेक्शन लगाया गया था, अगर 2-3 दिन बाद वहां पर कोई निशान बन जाए तो इसका मतलब है कि आपको टीबी है।
यह टेस्ट आपको बताता है बताता है कि आप टीबी वायरस के संपर्क में आ चुके हैं, ये टेस्ट यह नहीं बताता कि आपको वर्तमान में सक्रिय संक्रमण है या नहीं। हालांकि यह टेस्ट उत्तम नहीं है। कुछ लोग इस टेस्ट के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं देते, भले ही उनको टीबी हो । जबकि कुछ लोग जिनको भी नहीं है वे इसके प्रति प्रतिक्रिया दे देते हैं।
जिन लोगों को हाल ही में टीबी का टीका लगा है, उनके टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव हो सकता है उनको टीबी नहीं होता
छाती का एक्स-रे –
यदि आपका पीपीडी (PPD) टेस्ट पोज़िटिव हो तो आपकी छाती का एक्स-रे किया जाएगा। इस टेस्ट से पता चलेगा कि आपके फेफड़ों में छोटे धब्बे है या नहीं | यह धब्बे टीबी के संक्रमण के संकेत होते है और इनसे पता चलता है की आपका शरीर टीबी के बैक्टीरिया के विरुद्ध काम करने की कोशिश कर रहा है।
यदि आपके छाती के एक्स-रे का रिजल्ट नेगटिव हो तो इसका मतलब है की आपका पीपीडी (PPD) टेस्ट गलत था या आपको गुप्त (Latent) टीबी है।
यदि यह पॉजिटिव है तो आपको टीबी के लिए उपचार शुरू कर देना चाहिए। अगर यह नेगेटिव है तो आपको लेटेंट टीबी के लिए उपचार करवाने की आवश्यकता हो सकती है। ताकि टीबी को सक्रिय होने से और उसके बाद आपको बीमार होने से रोकथाम की जा सके।
लार का टेस्ट
आपके डॉक्टर आपको थूक या बलगम टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं, बलगम को फेफड़ों के अंदर गहराई से निकाला जाता है। इस बलगम में टीबी के बैक्टीरिया की उपस्थिति की जांच की
जाती है।
लेबोरेटरी में थूक के सैंपल की माइक्रोस्कोप द्वारा जांच की जाती है। इसमें एक विशेष डाई (Stain) का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी मदद से बैक्टीरिया को देखा जाता है। इसका रिजल्ट काफी जल्दी आ जाता है, आमतौर पर कुछ ही दिन के समय में ।
यदि आपके लार का टेस्ट पोज़िटिव हो तो इसका अर्थ है, तो इसका मतलब है कि आप अन्य लोगों में भी संक्रमण फैला सकते हैं। आपको तब तक एक मास्क पहन कर रखना चाहिए जब तक आपका उपचार शुरू नहीं हो जाता और टीबी के लिए लार टेस्ट का रिजल्ट नेगेटिव नहीं आ जाता।
रक्त का टेस्ट –
खून टेस्ट यह पुष्टी करता है की आपको लटेंट (Latent) टीबी है या सक्रिय (Active) है।
यदि आपके लिए टीबी विकसित होने के जोखिम अत्याधिक हों, लेकिन स्किन टेस्ट पर प्रतिक्रिया नाकारात्मक आ रही हो या हाल ही में आपने बीसीजी (BCG) का टीका लगवाया हो। ऐसी स्थिति में ब्लड टेस्ट आपके लिए उपयोगी हो सकती है।
टीबी पर संदेह होने पर संभावित रूप से अन्य किए जाने वाले टेस्ट –
एक प्रकार का खून टेस्ट जिसे इंटरफेरॉन गामा टेस्ट (Interferon Gamma Test) भी कहा जाता है। यदि कि जाने वाले टेस्टों के परिणाम अस्पष्ट हों तो यह टेस्ट उपयोगी हो सकता है। इस टेस्ट का लाभ ये है कि इसका रिजल्ट बीसीजी के टीके से प्रभावित नहीं हो पाता।
एक एचआईवी टेस्ट भी किया जाना चाहिए। क्योंकि टीबी उन लोगों में आम समस्या हो सकती है, जो एचआईवी ग्रस्त हैं। इन दोनो ही स्थितियों को उपचार की सख्त जरूरत होती है।
टीबी की जटिलताएं – (Tuberculosis (TB) Complications)
टीबी की क्या जटिलताएं होती है?
अगर इलाज ना किया जाए तो टीबी एक घातक स्थिति बन सकता है। सक्रिय टीबी को अगर बिना इलाज कि छोड़ दिया जाए तो यह फेफड़ों के प्रभावित करता है और खून द्वारा शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है।
ट्यूबरकुलोसिस से होने वाली जटिलताओं के कुछ उदाहरण निम्न हो सकते हैं:
रीढ़ की हड्डी में दर्द – पीठ में दर्द और अकड़न आदि टीबी की सामान्य जटिलाताओं में से एक है।
जोड़ों में क्षति – ट्यूबरकुलोस अर्थराइटिस कुल्हों और घुटनों को प्रभावित करता है।
मस्तिष्क को ढक कर रखने वाली झिल्ली में सूजन (Meningitis) – इसे दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण स्थायी या रुक-रुक कर सिर दर्द होता है, जो हफ्तों तक चलता रहता है। इस दौरान मानसिक परिवर्तन होना भी संभव है।
लीवर व किडनी संबंधी समस्याएं – लीवर व किडनी खून से अशुद्धियों व अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने में मदद करते हैं। अगर ट्यूबरकुलोसिस लीवर या किडनी को प्रभावित कर देता है तो ये ठीक से काम नहीं कर पाते।
हृदय संबंधी विकार – कुछ दुर्लभ मामलों में टीबी, दिल के आस-पास के ऊतकों को प्रभावित कर देता है। इससे ऊतकों में सूजन होने लगती है और तरल पदार्थ संग्रह होने लगता है जिस कारण प्रभावी रूप से दिल की पंप करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है। इस स्थिति को कार्डियक टैंपोनेड कहा जाता है, जो घातक स्थिति होती है।