चेहरे की सूजन (Facial Swelling)
चेहरे पर सूजन आना क्या है?
चेहरे पर सूजन तब आती है जब चेहरे की त्वचा के ऊतकों में द्रव बनने लग जाता है। चेहरे की सूजन में सिर्फ चेहरा ही शामिल नहीं होता इसमें गर्दन या गला भी शामिल होता है। यदि चेहरे की सूजन चेहरे पर बिना किसी प्रकार की चोट के कारण हुई है, तो यह एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति का संकेत हो सकता है। ज्यादातर मामलों में चेहरे की सूजन का इलाज किसी डॉक्टर या त्वचा के विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। चेहरे की सामान्य सूजन के लिए ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। यदि सूजन बढ़ती जा रही है और दर्द पैदा कर रही हैं तो डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
चेहरे की सूजन कई रोगों और अन्य मेडिकल स्थितियों के कारण हो सकती है। इन रोगों व मेडिकल स्थितियों के अलावा चेहरा जलना, चेहरे पर चोट लगना, आंखों में सूजन, लार ग्रंथियों की समस्याएं, दांतों की समस्याएं, सिर की चोट और यहां तक की नाक पर चोट लगना या नाक टूटने के कारण भी चेहरे पर सूजन आ सकती है। कुछ प्रकार के कैंसर के कारण भी चेहरे में सूजन आने जैसी समस्याएं हो सकती है। प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) या गर्भावस्था के साथ हाईपरटेंशन होना जिसमें गर्भवती महिला का बीपी और पेशाब में प्रोटीन बढ़ जाता है, के चलते भी चेहरे और हाथों पर असामान्य रूप से सूजन भी आ जाती है।
अगर आपका चेहरा किसी तरह से घायल हो गया है या चोट लग गई है, तो कुछ सामान्य घरेलू उपाय जैसे सूजन से प्रभावित हिस्से को ठंडी चीजों से सेकना आदि से चेहरे की सूजन को कम किया जा सकता है। यदि समस्या एलर्जी से जुड़ी है तो कुछ एंटीहिस्टामिन दवाएं लें। सोते समय चेहरे के नीचे कुछ अतिरिक्त तकिए लगाने या सिर को बेड के स्तर से ऊंचा रखने से भी सूजन में कमी आने लगती है। यदि सूजन चोट या किसी एलर्जी के कारण नहीं है तो तत्काल चिकित्स्कीय सलाह लें।
चेहरे की सूजन के लक्षण – Facial Swelling Symptoms
चेहरे की सूजन के साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं:
पित्ती या चकत्ते
चेहरे के आस-पास के किसी क्षेत्र में सूजन
खुजली
आंखों में पानी आना
नाक बंद होना
पेट में तकलीफ
चक्कर आना
छाती में तकलीफ
दस्त
कमजोरी
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए:
चेहरे पर अचानक, दर्दनाक या गंभीर सूजन
चेहरे की सूजन जो काफी समय तक रहती है, खासकर यदि यह समय के साथ-साथ बदतर होती जा रही है।
सांस लेने में कठिनाई
बुखार
छूने पर दर्द होना या लालिमा जो संक्रमण का संकेत देती है।
चेहरे की सूजन के कारण – Facial Swelling Causes
ऐसी बहुत सारी वजहें हो सकती हैं जिनके कारण चेहरे पर सूजन आ सकती है। लेकिन सबसे सामान्य कारणों के बारे में नीचे बताया गया है।
एलर्जिक रिएक्शन: इसे एलर्जन के नाम से विशेष पदार्थों के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की अत्यधिक प्रतिक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है। साधारण शब्दों में यदि आप धूल या पराग जैसे कुछ विशेष पदार्थों के प्रति अतिसंवेदनशील हैं तो आपको एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है। आपको धूल के कीट (Dust mite), जानवरों के बाल, मधुमक्खियों द्वारा काटना, कोक्रोच के मल, मोल्ड के बीजाणु, कुछ प्रकार की दवाएं या केमिकल के संपर्क में आना या लेटेक्स। लोग अंडे या दूध जैसे कुछ खाद्य पदार्थों से भी एलर्जिक हो सकते हैं। एक्जिमा या कांटेक्ट डर्मेटाइटिस (किसी खास पदार्थ के संपर्क में आने के कारण त्वचा पर ददोरे पड़ना) भी एलर्जी का एक प्रकार है और इन्हें स्किन एलर्जी कहा जाता है। एलर्जिक रिएक्शन की सीमा बेहद कम से लेकर से गंभीर तक हो सकती है और कई बार यह जीवन के लिए घातक स्थिति पैदा कर सकती है। जिन लोगों को किसी प्रकार की एलर्जिक रिएक्शन की समस्या है, उनको विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते हैं जिनमें चेहरे की सूजन, खुजली, नाक बहना, छींक आना, सांस लेने संबंधी समस्याएं, दस्त, पित्ती और त्वचा पर चकत्ते होना आदि शामिल हैं।
एनाफिलेक्सिस:
यह एलर्जिक रिएक्शन का एक अत्यधिक गंभीर रूप होता है, जो जीवन के लिए एक घातक स्थिति होती है। इसको एलर्जिक शॉक के नाम से भी जाना जाता है। यह कुछ ही मिनट में उभर जाता है और एक आपातकालीन मेडिकल स्थिति पैदा कर देता है। यह तब होता है जब आप किसी विशेष एलर्जिक पदार्थ से बेहद संवेदनशील होते हैं। यह एलर्जिक पदार्थ मूंगफली या अन्य सूखे मेवे, शेलफिश, मधुमक्खी का डंक या अन्य एलर्जन आदि हो सकते हैं। एस्पिरिन या पेनिसिलिन भी एनाफिलेक्सिस का कारण बन सकती है। इसके सामान्य लक्षणों में चेहरे में सूजन, सांस फूलना, घरघराहट की आवाज निकालना, त्वचा में खुजली, चकत्ते, पेट में दर्द, अस्पष्ट रूप से बोलना, भ्रम, चिंता और खांसी आदि शामिल है।
मोटापा:
यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 से ऊपर है तो आप मोटापे से ग्रस्त हैं। बीएमआई किसी व्यक्ति की उम्र, वजन और ऊंचाई के अनुसार उसके वजन को कम, ज्यादा या मोटापे से ग्रस्त बताता है। मोटापा कई अतर्निहित समस्याओं और साइड इफेक्ट का संकेत हो सकता है, लेकिन इसका सबसे सामान्य कारण अत्यधिक भोजन करना और कम एक्सरसाइज करना होता है या फिर खराब जीवनशैली भी मोटापे कारण बन सकती है।
सेल्युलाइटिस:
यह एक त्वचा का संक्रमण होता है जो बैक्टीरिया द्वारा फैलाया जाता है। बैक्टीरिया के कारण चेहरे पर अचानक से सूजन आ सकती है। इसके अन्य लक्षणों में चेहरे की त्वचा गर्म होना और छूने पर दर्द होना आदि शामिल है। त्वचा में बैक्टीरियल संक्रमण अक्सर तब होता है जब त्वचा में कोई छेद या कट लगता है। चेहरे पर सेल्युलाइटिस होने का कारण कई बार दांतों की अंदरूनी तकलीफ भी हो सकता है जैसे दांत का फोड़ा आदि। आंख के आस-पास की त्वचा के ऊतकों में बैक्टीरियल संक्रमण होने से भी आंखो के आस-पास चेहरे पर सूजन आ सकती है।
साइनसाइटिस:
यह भी एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है जो नाक की व इसके आसपास की हड्डियों में हवा से भरे रिक्तस्थानों में होता है। यह संक्रमण श्लेष्म झिल्ली (Mucus membranes) में सूजन व जलन पैदा कर देता है। इसके कारण साइनस में सूजन आ जाती है और आंखों व गालों के नीचे की हड्डियों में दर्द और सूजन पैदा कर देता है। हालांकि साइनसाइटिस के कारण अत्यधिक सूजन पैदा नहीं होती। सिर में दर्द होना और ऊपरी श्वसन में संक्रमण तीव्र साइनसाइटिस की मुख्य पहचान होती है।
कंजक्टिवाइटिस:
यह पलकों की झिल्लियों की परत में संक्रमण या सूजन जलन आदि की स्थिति होती है। वैसे तो इस संक्रमण का कारण मुख्य रूप से वायरस ही होता है। लेकिन कई बार बैक्टीरिया, फंगी, क्लामीडिया, पैरासाइटिस, कुछ प्रकार के केमिकल के संपर्क में आना और कभी-कभी कॉन्टेक्ट लेंस से एलर्जी के कारण भी कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। आंखों में खुजली, लाली और दर्द, धुंधला दिखाई देना और पलकों पर पपड़ी जमना आदि इस बीमारी के मुख्य संकेत होते हैं।
एंजियोएडीमा:
यह त्वचा के नीचे एक गंभीर सूजन की स्थिति होती है, विशेष रूप से चेहरे और हाथों-पैरों की त्वचा में। कभी-कभी त्वचा में सूजन के साथ-साथ चकत्ते भी दिखाई देते हैं। इसके अन्य लक्षणों में पलकों और आंखों में सूजन, पेट में ऐंठन और सांस लेने में कठिनाई आदि शामिल हैं। एंजियोएडीमा के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, पर ऐसा माना जाता है कि यह एक प्रतिकूल एलर्जिक रिएक्शन का परिणाम होता है। एंजियोएडेमा वंशानुगत (आनुवंशिक) हो सकता है या यह तब हो सकता है जब आप संक्रमण से ठीक हो रहे हों। इसके अलावा प्रतिरक्षित विकार या अन्य कुछ बीमारियों के कारण भी समस्या हो सकती है।
थायरायड संबधी समस्याएं: सामान्य चयापचय के लिए थायराइड हार्मोन बहुत महत्वपूर्ण होता है, यह थायरायड ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है यह ग्रंथि गर्दन के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यदि ग्रंथि अंडरएक्टिव है और यह थायरायड हार्मोन को पर्याप्त मात्रा में नहीं बना रही तो इस समस्या को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। यदि ग्रंथि ओवरएक्टिव है और आवश्यकता से ज्यादा हार्मोन का उत्पादन कर रही है तो इस स्थिति को हाइपरथायरॉइडिज्म कहा जाता है। इन दोनों विकारों में चेहरे की सूजन की समस्या हो सकती है।
कुशिंग सिंड्रोम: कुशिंग सिंड्रोम एक ऐसा विकार होता है जिसमें शरीर असाधारण रूप से स्ट्रैस हार्मोन कोर्टिसोल का असाधारण रूप से बहुत अधिक उत्पादन करता है। यह सामान्य रूप से छोटी और मध्यम उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है। कुशिंग सिंड्रोम लंबे समय तक कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं लेने से भी हो सकता है, ये दवाएं रूमेटाइड गठिया जैसी सूजन संबंधी बीमारियों का इलाज करने के लिये ली जाती हैं। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुशिंग सिंड्रोम में आमतौर पर चेहरे पर सूजन या शरीर के ऊपरी हिस्सों में सूजन के लक्षण पाए जाते हैं।
मम्पस:
यह एक वायरल संक्रमण होता है जो गर्दन की ग्रंथियों में सूजन पैदा करता है। गर्दन के एक तरफ या दोनों तरफ कान की नोब के ठीक नीचे सूजन होना मम्पस का सामान्य संकेत होता है। इसके कारण लार ग्रंथियों में भी सूजन व दर्द पैदा हो सकता है जिससे गालों में भी सूजन आ जाती है। इसमें सूजन के साथ थकान, बुखार और कम भूख लगना आदि जैसे लक्षण भी होते हैं।
चेहरे की सूजन से बचाव – Prevention of Facial Swelling
चेहरे की सूजन की रोकथाम कैसे करें?
यदि आपके चेहरे पर किसी प्रकार की चोट आदि लगने के कारण सूजन हुई है, तो निम्न तरीकों की मदद से आप सूजन को कम कर सकते हैं।
नमक का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे चेहरे में सूजन व फुलाव बढ़ता है।
मुंह और जबड़े के दर्द को कम करने के लिए नरम और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। गर्म खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें क्योंकि ये मुंह के आसपास सूजन पैदा करने के कारण बन सकते हैं।
बर्फ का इस्तेमाल करना: ठंडी चीज से सेकने से सूजन व दर्द को कम किया जा सकता है। चेहरे की सूजन को कम करने के लिए उसे जल्दी से जल्दी बर्फ या किसी ठंडी चीज के साथ लगातार 10 से 20 मिनट तक सेकें। ऐसा 24 से 72 घंटों में तीन या उससे ज्यादा बार करें। यदि सूजन जा चुकी है तो जिस जगह पर दर्द हो रहा है तो उसे किसी गर्म चीज से सेकें।
अपने सिर को ऊंचाई पर रखें, सोते समय भी- इस तरीके की मदद से भी चेहरे की सूजन को कम किया जा सकता है।
पहले 48 घंटों तक हर उस चीज से बचने की कोशिश करें जो सूजन को बढ़ाती है, जैसे गर्म पानी से नहाना, हॉट ट्यूब या गर्म चीज से सेकना आदि। इसके अलावा शराब या गर्म तरल पीने से भी बचें।
चेहरे की सूजन का निदान – Diagnosis of Facial Swelling
चेहरे की सूजन का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?
आपके डॉक्टर आपसे चेहरे की सूजन के ऊभरने के समय के बारे में पूछ सकते हैं। आपसे सूजन से जुड़े अन्य लक्षणों के बारे में भी पूछा सकता है। चेहरे की सूजन के फैलाव को देखने के लिए शारीरिक परीक्षण भी किया जा सकता है। इसके अलावा शारीरिक परीक्षण की मदद से सूजन से जुड़ी टेंडरनेस (Tenderness) का भी पता लगाया जा सकता है, जो चेहरे की सूजन होने के कारण का पता लगाने में कुछ सुराग दे सकती है।
डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं, जिसमें निम्न टेस्ट शामिल हो सकते हैं:
कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट
रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
मवाद की जांच और एंटीबायोटिक सेंसिटिविटी (यदि सूजन के साथ द्रव भी बहता है।)
फ्रैक्चर की जांच करने के लिए एक्स-रे
एलर्जी की जांच करने के लिए पैच टेस्ट
थायरायड फंक्शन टेस्ट
चेहरे की सूजन की जटिलताएं – Facial Swelling Complications
चेहरे की सूजन के साथ क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
चेहरे की सूजन के साथ जुड़ी जटिलताएं लगातार बढ़ने वाली हो सकती हैं और शरीर के अंतर्निहित कारणों के अनुसार इन जटिलताओं की वजह भी अलग-अलग हो सकती हैं। अब क्योंकि चेहरे की सूजन गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकती है तो यदि आप ठीक से उपचार नहीं लेंगे तो हो सकता है कि दिक्क्त बढ़ जाएं या स्थाई रूप से क्षति हो जाएं। इसलिए सबसे पहले अंतर्निहित कारण को समझें, उसका इलाज करवाएं, अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। ऐसा करने से संभावित जटिलताओं की संभावना को कम किया जा सकता है।
कुछ संभावित जटिलताएं जिनमें निम्न शामिल हैं:
सांस लेने में कठिनाई या एनाफिलेटिक शॉक के कारण श्वसन अवरुद्ध होना (एक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन)
चेहरे की सूजन आंखों पर बढ़ जाने के कारण देखने में कमी
त्वचा या अन्य ऊतकों का गंभीर संक्रमण या किसी घातक स्थिति के कारण क्षतिग्रस्त हो जाना
शरीर के अन्य भागों में संक्रमण फैलना जिसमें रक्त भी शामिल है।