अम्लरक्तता (एसिडोसिस) – Acidosis
जब शरीर के तरल पदार्थों में एसिड की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो इसे एसिडोसिस के रूप में जाना जाता है। एसिडोसिस या अम्लरक्तता की समस्या तब होती है जब किडनी और फेफड़े शरीर के पीएच स्तर को संतुलित नहीं रख पाते हैं। शरीर में कई ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं जिसमें एसिड का उत्पादन होता हैं। जब पीएच के स्तर में मामूली रूप से अंतर होता है तो फेफड़े और किडनी इस स्थिति का प्रबंधन कर लेते हैं, लेकिन यदि इन अंगों से जुड़ी समस्या हो जाए, शरीर में अतिरिक्त एसिड जमा होने लगता है।
खून की अम्लता का निर्धारण इसके पीएच स्तर को मापकर किया जाता है। कम पीएच का मतलब है कि खून अधिक अम्लीय (एसिडिक) है, जबकि पीएच ज्यादा होने का मतलब आपका खून क्षारीय है। खून का पीएच लगभग 7.4 के आसपास होना चाहिए। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर क्लिनिकल केमिस्ट्री (AACC) के अनुसार, एसिडोसिस में पीएच स्तर 7.35 या इससे कम होता है जबकि क्षारीयता की पहचान 7.45 या इससे अधिक पीएच स्तर से होती है। इन अंकों में भले ही बेहद कम अंतर हो लेकिन पीएच के स्तर में थोड़ा भी अंसतुलन गंभीर स्थिति का कारण हो सकता है। एसिडोसिस के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और यह जानलेवा भी हो सकता है।
आसान शब्दों में समझें तो अम्लरक्तता या एसिडोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के तरल पदार्थों में एसिड बहुत अधिक हो जाता है। यह ऐल्कलोसिस (जिसमें शरीर के तरल पदार्थों में बहुत अधिक क्षार होता है) के विपरीत होता है।
एसिडोसिस के लक्षण – Acidosis Symptoms
रेस्पिरेटरी एसिडोसिस और मेटाबॉलिक एसिडोसिस दोनों के कई मिलते जुलते लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, एसिडोसिस के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।
रेस्पिरेटरी एसिडोसिस
रेस्पिरेटरी एसिडोसिस के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है-
थकान या सुस्ती
आसानी से थक जाना
भ्रम
सांस लेने में कठिनाई
ज्यादा नींद आना
सिरदर्द
मेटाबॉलिक एसिडोसिस
मेटाबॉलिक एसिडोसिस के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है-
सांस फूलना
भ्रम
थकान
सिरदर्द
ज्यादा नींद आना
भूख की कमी
पीलिया
हृदय गति बढ़ना
एसिडोसिस का कारण – Acidosis Causes
किडनी और फेफड़े शरीर में एसिड और क्षार नामक रसायनों के संतुलन को बनाए रखते हैं। एसिडोसिस तब होता है जब एसिड ज्यादा बनता है या जब बाइकार्बोनेट (जो कि एक क्षार है) कम हो जाता है। एसिडोसिस को दो भागों में बांटा गया है- रेस्पिरेटरी यानी श्वसन संबंधी या मेटाबॉलिक एसिडोसिस।
शरीर में जब कार्बन डाइऑक्साइड (एक एसिड) की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो ऐसे में रेस्पिरेटरी एसिडोसिस विकसित होता है। इस प्रकार का एसिडोसिस आमतौर पर तब होता है जब शरीर पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर (सांस के माध्यम से) नहीं निकाल पाता है। रेस्पिरेटरी एसिडोसिस के कारणों में शामिल है-
छाती की बनावट सही ना होना जैसे काइफोसिस (कूबड़ होना)
सीने में चोट
छाती की मांसपेशियों में कमजोरी
क्रोनिक (लंबे समय से प्रभावित करने वाली) लंग डिजीज
न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर जैसे- मायस्थेनिया ग्रेविस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
सिडेटिव ड्रग्स का बहुत अधिक इस्तेमाल- यह ऐसी दवाइयां हैं तो दिमागी तौर पर आपको रिलैक्स महसूस कराती हैं इन्हें ज्यादातर एंजाइटी या स्लीप डिसऑर्डर में इस्तेमाल किया जाता है।
अम्लरक्तता के जोखिम कारक – Acidosis Risk Factor
एसिडोसिस के जोखिम कारकों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं-
उच्च वसा वाला आहार जिसमें कार्बोहाइड्रेट कम हो
किडनी फेलियर
मोटापा
शरीर में पानी की कमी
एस्पिरिन या मेथनॉल पॉइजनिंग
डायबिटीज
अम्लरक्तता का निदान – Acidosis Diagnosis
ध्यान रखिए अगर अम्लरक्तता या एसिडोसिस बीमारी का जल्द से जल्द निदान हो जाए और इसका इलाज तुरंत शुरू हो जाए तो रिकवरी में तेजी आ सकती है।
एसिडोसिस के निदान के लिए डॉक्टर कई सारे ब्लड टेस्ट करवाते हैं। आर्टेरियल ब्लड गैस टेस्ट टेस्ट के माध्यम से इस बात का पता चल सकता है कि खून में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर कितना है। यह खून में पीएच स्तर की भी जानकारी देता है। इसके अलावा बेसिक मेटाबॉलिक पैनल टेस्ट की मदद से किडनी के कामकाज और पीएच संतुलन की जांच की जा सकती है। साथ ही यह कैल्शियम, प्रोटीन, ब्लड शुगर और इलेक्ट्रोलाइट स्तर को भी मापता है।
यदि रेस्पिरेटरी एसिडोसिस का पता चला है, तो डॉक्टर आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य की जांच कर सकते हैं। इसके लिए वे छाती का एक्स-रे या पल्मोनरी फंक्शनिंग टेस्ट कर सकते हैं।
यदि मेटाबॉलिक एसिडोसिस का संदेह है, तो डॉक्टर पेशाब के नमूने की जांच (यूरिन टेस्ट) कर सकते हैं। एसिडोसिस के कारण को निर्धारित करने के लिए कुछ और टेस्ट की भी आवश्यकता हो सकती है-
छाती का एक्स-रे
पेट का सीटी स्कैन
यूरिन की जांच